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राजू ढाबा पर आइए, उंगलियां चाटते रह जाईए

यहां की दाल मखनी और प्याज रोटी है खास
हरियाणा के डबवाली में अगर ढाबे का खाना खाने की बात हो तो राजू ढाबा का नाम ही जेहन में आता है। इस ढाबा अपने लजीज पंजाबी व्यंजनों के स्वाद के लिए जाना जाता है। शहर वासियों के अलावा दूर-दराज का सफर करने वाले लोग भी पंजाबी व्यंजनों का लुत्फ उठाने के लिए इस ढाबे पर रूकते हैं। इस ढाबे की शुरुआत वर्ष 1977 में हुई थी। दरअसल इसी साल हरियाणा का अपना बस स्टैंड डबवाली में बनकर तैयार हुआ। वर्ष 1977 से पहले हरियाणा का बस स्टैंड पंजाब के किलियांवाली में होता था। 1 नवम्बर 1966 को हरियाणा का गठन हुआ। हरियाणा बनने से पहले डबवाली का बस स्टैंड मौजूदा पंजाब में हुआ करता था। हरियाणा का गठन होने के कुछ वर्ष बाद डबवाली के चौटाला रोड पर बस स्टैंड बनाया गया। बस स्टैंड के सामने स्व. उलफत राय गिरधर ने ढाबा शुरू किया। मौजूदा समय में इस ढाबे को उल्फत राय गिरधर के बेटे राजू संभाल रहे हैं। इस ढाबा के खाने का डाक्टर से लेकर अधिकारी तक हर कोई दीवाना है।
दिल खुश करने वाली दाल मखनी के लिए मशहूर
राजू ढाबा को शुरू हुए करीब 47 वर्ष का समय हो चुका है। यह ढाबा आज भी दिल खुश करने वाली दाल मखनी व प्याज रोटी के मशहूर है। ढाबा के मालिक राजू सेठ बताते हैं कि इस दाल मखनी को बनाने के लिए 4 से 5 घंटों का समय लगता है। इस दाल को बनाने के लिए काली दाल, क्रीम, मक्खन व लाल राजमा मिलाकर तैयार किया जाता है। दाल को करीब 5 घंटों तक पकाया जाता है। पंजाबी व्यंजनों की लिस्ट में इस ढाबे में दाल मखनी के अलावा दाल तडक़ा, प्लाज की तंदूर रोटी, आलू प्याज परांठा, गर्म-मुलायम लच्छे परांठे परोसे जाते हैं। खाने की थाली में परोसे जाने वाली ढाबे की खास चटनी खाने के स्वाद को और बढ़ा देती है। राजू के मुताबिक लोग ढाबा पर बैठकर खाना खाने के अलावा खाना पैक करवाकर भी मंगवाते हैं। ढाबा संचालक के मुताबिक मुताबिक वर्ष 2016 में चौटाला रोड पर तहसील के सामने एक और ढाबा शुरू किया गया। इस ढाबे को रेस्टोरेंट लुक में शुरू किया गया।

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