हरियाणा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। अब बिना मान्यता वाले स्कूलों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे, ताकि अभिभावक फर्जी या गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने से बच सकें। यह कदम शिक्षा विभाग द्वारा उठाया गया है, जिसका मकसद शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और अभिभावकों को जागरूक बनाना है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
हरियाणा में कई निजी स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं, जहां न तो शिक्षकों की योग्यता सुनिश्चित होती है और न ही पाठ्यक्रम की गुणवत्ता। कुछ स्कूल तो अभिभावकों से मोटी फीस वसूलकर भी बेहतर शिक्षा नहीं देते। ऐसे में, शिकायतें बढ़ने के बाद शिक्षा विभाग ने सख्त कार्रवाई का फैसला किया है।
कैसे मिलेगी जानकारी?
- हरियाणा शिक्षा विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट जारी की जाएगी।
- जिला शिक्षा अधिकारियों (DEOs) को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलों का निरीक्षण करें और अवैध संचालन वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करें।
- अभिभावक ऑनलाइन पोर्टल या शिक्षा विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर जांच कर सकते हैं कि उनका स्कूल मान्यता प्राप्त है या नहीं।
गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला लेने के नुकसान
खतरा | विवरण |
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मान्यता न मिलना | ऐसे स्कूलों के छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं मिलती। |
गुणवत्ता की कमी | शिक्षकों का चयन बिना योग्यता के होता है, जिससे शिक्षा का स्तर गिरता है। |
फर्जीवाड़ा | कुछ स्कूल नकली प्रमाणपत्र देकर अभिभावकों को ठगते हैं। |
कानूनी कार्रवाई | बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों को सील किया जा सकता है। |
सरकार की चेतावनी: “अभिभावक सतर्क रहें!”
शिक्षा मंत्री ने कहा कि “अभिभावक स्कूल में दाखिला लेने से पहले उसकी मान्यता की जांच अवश्य करें। गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि जिला स्तर पर विशेष अभियान चलाकर ऐसे स्कूलों को बंद करवाया जाएगा।
क्या होगा अगला कदम?
- स्कूलों की सूची जल्द ही जारी की जाएगी।
- गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू होगी।
- जागरूकता अभियान चलाकर अभिभावकों को शिक्षित किया जाएगा।