दिल्ली में 2013 से सत्ता में बने हुए हरियाणा के लाल अरविंद केजरीवाल इस बार कमल के आगे दिल्ली में अपना कमाल नहीं दिखा सके। अरविंद केजरीवाल खुद भी नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव हार गए। वहीं भाजपा ने करीब 27 वर्ष बाद दिल्ली की सत्ता पर वापसी की है। खास बात यह है कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में इस बार हरियाणा भाजपा के बड़े चेहरों की भी निर्णायक भूमिका रही और उनकी प्रतिष्ठा दांव पर थीं। खास तौर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस चुनाव में रणनीतिकार के साथ-साथ धुआंधार प्रचारक की भी भूमिका निभाई और इसका असर देखने को मिला और मनोहर-नायब की जोड़ी ने हरियाणा की तरह दिल्ली की धरती पर भी कमल खिलाने में खास भूमिका निभाई।
गौरतलब है कि हरियाणा के जिला हिसार के मूल निवासी अरविंद केजरीवाल ने साल 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन किया और पहली बार 2013 में दिल्ली विधानसभा के चुनावी समर में ताल ठोक दी। उस चुनाव में भाजपा के 31 विधायक चुने गए, पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी को 28 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस के 8 विधायक निर्वाचित हुए तो शिरोमणि अकाली दल को एक सीट पर जीत मिली। तब आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। गठबंधन की गांठें कुछ ही समय में खुल गई और केजरीवाल सत्ता से बाहर हो गए और केवल 54 दिन बाद ही दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। ऐसे में 2015 में मध्यावधि चुनाव हुए और चुनाव में आम आदमी पार्टी के 67 विधायक चुने गए तो भाजपा को 3 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला और आम आदमी पार्टी ने बहुमत से सरकार बनाई और पूरे पांच साल तक चलाई। इसी तरह से 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के 62 विधायक चुने गए, जबकि भाजपा को 8 सीटों पर जीत मिली। उस चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला और आम आदमी पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही थी। इस बार के चुनाव में बेशक केजरीवाल दिल्ली में चौथी बार अपनी सरकार बनाने को लेकर आश्वास्त नजर आ रहे थे, मगर दिल्ली की जनता ने इस बार उन्हें अस्वीकार कर दिया।
मनोहर लाल खट्टर व नायब सैनी ने निभाई थी स्टार प्रचारक की भूमिका
खास बात यह है कि दिल्ली के चुनाव में हरियाणा के नेताओं की भी अहम भूमिका रही। गौरतलब है कि हरियाणा के साथ सटी दिल्ली की 32 विधानसभा सीटों पर हरियाणा भाजपा के बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी गई थी। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दिल्ली में जहां प्रचार के लिए पहुंचे वहीं दिल्ली वालों के दिलों पर छा गए। मनोहर लाल ने शाहदरा, महरौली, आर.के. पुरम, मोतीनगर, नई दिल्ली, कृष्णानगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर और रोहिणी सहित करीब एक दर्जन सीट पर प्रचार किया। मनोहर लाल के प्रचार का सक्सेस रेशो शत-प्रतिशत रहा और अधिकतर सीट भाजपा जीत गई। इसी तरह नायब सिंह सैनी ने सुल्तानपुर माजरा, मुंडका, जंगपुरा, नांगलोई जाट, सीलमपुर, रिठाला, तिमारपुर, बवाना विधानसभा, सदर बाजार, ग्रेटर कैलाश व शकूर बस्ती में प्रचार किया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी 90 प्रतिशत से अधिक सक्सेस रेट के साथ 10 सीटें जीतने में सफल रही।
यमुना जल विवाद पर घिरे थे केजरीवाल
दिल्ली चुनाव में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का जोरदार प्रचार देखकर अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा को भी लपेटने की कोशिश की। केजरीवाल ने बयान दिया कि हरियाणा सरकार यमुना नदी के पानी में जहर मिला रही है। इसके तुरंत बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हमलावर हुए और केजरीवाल को न सिर्फ यमुना के पानी के सैंपल की रिपोर्ट दिखाई, बल्कि खुद यमुना किनारे जाकर यमुना नदी के जल का आचमन भी किया। अरविंद केजरीवाल का यह हथकंडा नायब सिंह सैनी ने चुटकियों में तोड़ दिया और केजरीवाल का यह यान उल्टा पड़ा और वे नायब सैनी के पलटवार से बुरी तरह से घिर गए और यह मुद्दा उनकी हार का अहम कारण भी बना। केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री नायब ङ्क्षसह सैनी के अलावा भी भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, राज्यसभा के सदस्य सुभाष बराला, किरण चौधरी, रामचंद्र जांगड़ा एवं रेखा शर्मा, केेंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ङ्क्षसह व कृष्ण पाल गुज्जर, कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह, डा. अरविंद शर्मा, विपुल गोयल, कृष्ण पंवार, महीपाल ढांडा, श्रुति चौधरी, आरती राव ने विभिन्न सीटों पर भाजपा के लिए प्रचार किया और इस प्रचार का भी शनिवार को आए चुनाव परिणाम असर देखने को मिला।
खट्टर व सैनी ने कहा दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को सिखाया सबक
दिल्ली में भाजपा को मिले स्पष्ट बहुमत के बाद केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने फेसबुक पर लिखा कि ‘आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे!! दिल्ली की सम्मानित जनता जनार्दन ने अपने जनादेश से प्रदेश से वादाखिलाफी करने वालों को ऐसा सबक सिखाया है, जो देशभर में जनता के साथ झूठे वादे करने वालों के लिए नजीर बनेगी। इस प्रचंड जनादेश के लिए दिल्ली की जनता का दिल से आभार। दिल्ली में मिली इस शानदार जीत के लिए कर्मठ और निष्ठावान भाजपा दिल्ली के सभी कार्यकर्ता, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को हार्दिक बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा अपने सभी वादों को पूरा करके दिल्ली के स्वर्णिम अध्याय की एक नई शुरुआत करने के लिए प्रतिबद्ध है।’ मुख्यमंत्री नायब ङ्क्षसह सैनी ने भी टवीट करते हुए लिखा कि ‘केजरीवाल ने हरियाणा की मिट्टी को अपमानित करने का काम किया, वो जब हरियाणा के नहीं हुए तो दिल्ली के कैसे होते? आज के ऐतिहासिक दिन दिल्ली की महान जनता का अभिनंदन जिसने भाजपा को स्पष्ट जनादेश दिया तथा दिल्ली में कमल खिला कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व,सामाजिक कल्याण की गारंटियों पर पक्की मुहर लगा दी। भाजपा दिल्ली को उसका गौरव और सम्मान वापस दिलाएगी। सभी कर्मठ और जुझारू कार्यकर्ताओं ने जिस निष्ठा और समर्पण भाव से इस विजय के लिए काम किया है, उसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। दिल्ली के दिल में मोदी।’
मनजिंद्र सिरसा ने बचाई हरियाणा की साख
उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार हरियाणा से संबंध रखने वाले तीन नेताओं अरविंद केजरीवाल, मनजिंद्र सिंह सिरसा एवं अर्जुन भडाना की प्रतिष्ठा दांव पर थीं। इसी तरह से हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य रहे दुष्यंत गौतम भी दिल्ली की करोल बाग सीट से भाजपा के प्रत्याशी थे। इनमें से मनजिंद्र सिंह सिरसा को छोडकऱ अन्य तीनों नेता ही चुनाव हार गए। मूल रूप से हरियाणा के हिसार जिला के सिवानी से ताल्लुक रखने वाले व करीब 10 वर्षों तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने 4 हजार 89 वोटों के अंतर से चुनाव हराया। इसी तरह से हरियाणा के सिरसा जिला से संबंध रखने वाले मनजिंद्र सिंह सिरसा ने भाजपा से चुनाव लड़ते हुए राजौरी गार्डन से 18 हजार 190 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। ऐसे ही हरियाणा के फरीदाबाद से तीन बार सांसद रहे अवतार सिंह भडाना के बेटे अर्जुन भडाना ने कांग्रेस टिकट पर दिल्ली की बदरपुर सीट से चुनाव लड़ा और वे न केवल चुनाव हार गए, बल्कि वे तीसरे स्थान पर रहे। इसी प्रकार से करोल बाग सीट से भाजपा प्रत्याशी दुष्यंत गौतम को आम आदमी पार्टी उम्मीदवार विशेष रवि ने 7430 वोटों के अंतर से हराया। दुष्यंत गौतम हरियाणा से भाजपा के राज्यसभा सदस्य रहे हैं।
फिर चर्चा में आ गई गोहाना की जलेबियां
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने हाथ में गोहाना की जलेबियां लिए हुए एक तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की और लिखा कि ‘आप-दा मुक्त दिल्ली के लिए दिल्ली वालों को कोटि-कोटि बधाई। जलेबियां बंटती रहेंगी।’ गौरतलब है कि अक्तूबर 2024 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान गोहाना की जलेबियां सुॢखयों में रही थीं। मुख्यमंत्री नायब सैनी जब गोहाना पहुंचे तो वहां की मशहूर मातू राम हलवाई की दुकान पर जलेबियां तलते हुए नजर आए थे। इसके बाद जब 8 अक्तूबर को भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला तो उस समय भी नायब सिंह सैनी ने कार्यकत्र्ताओं को जलेबियां खिलाई थीं। इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए पहुंचे थे तो उन्होंने महाराष्ट्र में भी भाजपा की जीत का दावा करते हुए कहा था कि गोहाना की जलेबियां महाराष्ट्र में भी बंटेंगी और महाराष्ट्र में भाजपा की जीत के बाद सैनी ने कार्यकत्र्ताओं को जलेबियां खिलाई थीं। इसी तरह से कुछ दिन पहले उन्होंने दिल्ली में भी भाजपा की सरकार बनने का दावा करते हुए जलेबियां बंटने की बात कही थीं।
सट्टा बाजार के आंकलन फिर हुए गलत साबित
विशेष और रोचक बात यह भी रही कि एक बार फिर से सट्टा बाजार के आंकलन भी गलत साबित हुए। सट्टा बाजार में भारतीय जनता पार्टी एवं आम आदमी पार्टी के बीच बराबर का मुकाबला दिखाया जा रहा था और मतदान के बाद व मतगणना से एक दिन पहले तक भी दोनों ही दलों को 32 से 36 सीटें मिलती दिखाई जा रही थीं। सट्टा बाजार के यह आंकलन एवं भाव गलत साबित हुए जबकि एगिजट पोल इस बार सटीक रहे। विभिन्न एजैंसियों की ओर से किए गए गए अधिकांश एगिजट पोल इस बार स्पष्ट बहुमत से भाजपा की सरकार बनती दिखा रहे थे। इससे पहले पिछले साल अक्तूबर में हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भी सट्टा बाजार की ओर से कांग्रेस की सरकार बनाने के आंकलन सामने आए थे, लेकिन जब 8 अक्तूबर को चुनावी परिणाम आए तो भाजपा को 48 सीटों पर जीत मिली और कांग्रेस 37 के आंकड़े पर सिमट गई थीं और ऐसे में सट्टा बाजार के तमाम आंकलन पूरी तरह से गलत साबित हुए थे।
नॉन स्टाप हरियाणा के नारे पर चलते हुए विकास को गति दे रहे हैं सी.एम. सैनी