सिरसा। स्वच्छता रैकिंग में सिरसा के पिछडऩे का सबसे बड़ा कारण नगरपरिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार व अधिकारियों से सत्ताधारियों की मिलीभगत है। यह बात हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि राजकुमार शर्मा ने कही। शर्मा ने कहा कि सफाई व्यवस्था पर नगरपरिषद हर महीने करोड़ों रूपए खर्च करने का दावा करती है, जबकि यह दावा सरासर झूठा है। अगर करोड़ों रूपए खर्च किए जाते, तो आज शहर की यह दुर्दशा ना होती। जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर इस बात की गवाही देते हैं कि काम नहीं हो रहा। शर्मा ने कहा कि सफाई व्यवस्था के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रूपए जरूर निकाल लिए जाते हैं, पर यह पूरा पैसा खर्च होता ही नहीं। उन्होंने कहा कि नगरपरिषद के भ्रष्ट अधिकारी व सत्ता से जुड़े लोग आपस में गलबहियां कर यह पैसा डकार जाते हैं और सरकार स्वच्छता के गीत गाती नहीं थक रही।
प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि ने कहा कि सिरसा की स्वच्छता रैंकिंग में आई भारी गिरावट भाजपा सरकार की विफलता और उसके दिखावटी विकास मॉडल का जीता-जागता प्रमाण है। राजकुमार शर्मा ने कहा कि भाजपा नेता कहते थे कि ट्रिपल इंजन सरकार से हरियाणा के शहर चमकेंगे। लेकिन सिरसा की सच्चाई आज हर किसी के सामने है। गली-गली फैला कचरा, जाम पड़ी नालियां, ओवरफ्लो होता सीवरेज, बदहाल सार्वजनिक शौचालय, टूटी-फूटी सडक़ें और उन पर बहता गंदा पानी भाजपा सरकार के विकास की असली कहानी बयां कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि सिरसा जैसा ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण जिला विकास की बजाय आज गंदगी और बदहाली से जूझ रहा है, जबकि भाजपा सरकार केवल प्रचार और घोटालों में व्यस्त है। जमीनी हकीकत यह है कि जनता गंदगी और अव्यवस्था के बीच नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार जनता के बीच अपना भरोसा खो चुकी है।