सिरसा,11 मार्च। सिरसा की वरिष्ठ ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. ममता ने बताया की होली का त्यौहार रंगों, खुशियों और मस्ती का प्रतीक होता है। हालांकि, इस दौरान मस्ती में डूब कर कई बार हमारी सेहत पर असर पड़ सकता है। खासकर कान, नाक और गले से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। होली खेलते समय कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि हम अपनी सेहत को नुकसान से बचा सकें।
आंखों की सुरक्षा : होली के रंगों में रासायनिक पदार्थ हो सकते हैं, जो आंखों में जाने पर जलन, सूजन और यहां तक कि संक्रमण का कारण बन सकते हैं। होली खेलते समय आंखों को बचाने के लिए सुरक्षा चश्मे का उपयोग करें। इसके अलावा, अगर रंग आंखों में चले जाएं तो तुरंत ताजे पानी से आंखों को धो लें और आंखों में कोई जलन महसूस हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
नाक और श्वसन प्रणाली का ख्याल रखें : होली में रंगों के साथ-साथ गुलाल और अन्य पाउडर का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इससे साइनस, एलर्जी और श्वसन समस्याएं हो सकती हैं। अगर आपको अस्थमा या एलर्जी की समस्या है, तो मास्क पहनना सबसे अच्छा रहेगा। होली खेलने के बाद नाक को अच्छी तरह से धो लें और श्वसन संबंधी दिक्कतों से बचने के लिए ज्यादा रंग या पाउडर का इस्तेमाल न करें।
कान की सुरक्षा : रंगों के साथ खेलने से कानों में भी संक्रमण या जलन हो सकती है। कई बार रंग कान के अंदर चले जाते हैं, जिससे सुनने में समस्या उत्पन्न हो सकती है। कानों को सुरक्षित रखने के लिए रुई का इस्तेमाल करें और होली के रंगों से बचने की कोशिश करें। यदि कान में दर्द या जलन महसूस हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
रंगों के सुरक्षित उपयोग की सलाह : कई बार रंगों में हानिकारक रासायनिक तत्व होते हैं, जो त्वचा और श्वसन तंत्र के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। ऐसे रंगों का उपयोग करने से त्वचा पर जलन और एलर्जी हो सकती है, जो नाक और गले में संक्रमण का कारण बन सकती है। डॉ. ममता का सुझाव है कि सुरक्षित, आयुर्वेदिक और प्राकृतिक रंगों का ही इस्तेमाल करें, ताकि किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी से बचा जा सके।
गले और श्वसन तंत्र का ध्यान रखें : होली के समय तेज आवाज़ों से बचना चाहिए क्योंकि यह कानों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके अलावा, रंगों और पाउडर के कारण गले में खराश और सूजन की समस्या हो सकती है। ऐसे में गर्म पानी का सेवन करें और ज्यादा ठंडी चीजों से बचें।
शरीर में जल की कमी से बचें : होली खेलते वक्त शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे गले और नाक में जलन या सूजन हो सकती है। होली के दौरान हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरी है। खूब पानी पिएं और ताजे फल और जूस का सेवन करें ताकि शरीर को जरूरी पोषण मिलता रहे।
नशे व नशीले पदार्थों का सेवन ना करें: होली का त्यौहार खुशियों का होता है, लेकिन अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए इस त्यौहार को मनाना जरूरी है। ईएनटी डॉ.ममता ने कहा कि उपरोक्त सलाह को ध्यान में रखते हुए होली खेलें और मस्ती के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ख्याल रखें।
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