सिरसा नगर परिषद के चेयरमैन एवं 32 वार्डों के पार्षदों के लिए रविवार को शांतिपूर्वक मतदान संपन्न हो गया। अब 12 मार्च को नतीजे आने के बाद साफ हो जाएगा कि शहर की छोटी सरकार की कुर्सी पर किस पार्टी का उम्मीदवार चेयरमैन बनता है? हालांकि इस बार कम मतदान के चलते सियासी समीकरण इधर-उधर भी हो सकते हैं। सुबह 11 बजे तक 18.7 प्रतिशत तो 12 बजे तक 21 फीसदी मतदान हुआ। दोपहर 2 बजे तक 34.4 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। दोपहर 3 बजे 35 फीसदी मतदान ही हो सका। दरअसल सिरसा नगरपरिषद के 32 वार्डों में पार्षद पद के लिए 122 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसी तरह से चेयरमैन पद के लिए भाजपा, कांग्रेस, जजपा, इनैलो व आम आदमी पार्टी के अलावा दो आजाद प्रत्याशी चुनावी समर में कूदे हैं।
प्रशासनिक व्यवस्था की खुली पोल
मतदान प्रक्रिया के दौरान तमाम जरूरी व्यवस्थाओं के मुकम्मल प्रबंधों का ढोल पीटने वाले प्रशासन की पोल आखिर खुल गई। मतदान केन्द्रों पर दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था नहीं की गई थी। जिसके चलते उन्हें मतदान करने जाते व आते समय काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वार्ड 7 के मतदाताओं के लिए नैशनल कॉलेज में वोटिंग हुई। बूथ नंबर 31 में एक दिव्यांग महिला वोट डालने पहुंची, पर उनके लिए वहां व्हील चेयर का बंदोबस्त नहीं था। इसपर महिला ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि रूल है, व्हील चेयर होनी चाहिए थी। महिला काफी परेशानी झेलकर वोट डालने भीतर गई।
गोपाल कांडा ने किया जीत का दावा
पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने शहर के आर्य कन्या स्कूल में बने मतदान केंद्र में मतदान किया। इसके बाद उन्होंने भाजपा-हलोपा गठबंधन की जीत का दावा करते हुए कहा कि निकाय चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह से गायब नजर आई। सिरसा के विधायक मुद्दाविहीन राजनीति कर रहे हैं। गोपाल कांडा ने कहा कि प्रदेश में विपक्ष संभावित हार से बौखलाया हुआ है। प्रदेश सरकार की लोक कल्याणकारी नीतियों पर जनता ने वोट किया है। गोपाल कांडा ने कहा कि 32 पार्षद व चेयरमैन सहित सिरसा में 33 कमल खिलेंगे। गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा ने भी विभिन्न वार्डों में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और समर्थकों से मुलाकात कर उनका हौंसला बढ़ाया।
नई वार्डबंदी से मतदाताओं व प्रत्याशियों को हुई परेशानी
नई वार्डबंदी से ना सिर्फ मतदाता बल्कि प्रत्याशी भी काफी परेशान हुए। पहले तो नए जुड़े एरिया का समझने में मगजमारी की, बाद में नए मतदाताओं से संपर्क करने में पसीना बहाया। वार्ड चेंज होने के बाद अनेक मतदाताओं को सुबह तक यह मालूम नहीं था कि वोट कहां डालने जाना हैं। उनके लिए प्रत्याशी व बूथ सब नया जो था। मसलन, बेगू रोड स्थित मोहंता गार्डन एरिया पहले वार्ड 13 में आता था। नई वार्डबंदी के बाद यह वार्ड 14 बन गया। पहले क्षेत्र के लोग आर्य स्कूल में वोट डालते थे, पर इस बार कीर्तीनगर सरकारी स्कूल में उन्हें मतदान करना था। जानकारी के अभाव में दोपहर बाद तक कई मतदाता बूथ की उलझन केे चलते वोट डालने घर से नहीं निकले। बाद में बताए जाने पर बूथ पर गए, तो कइयों के नाम ही नहीं मिले। जिसपर उन्हें बिना वोट दिए लौटना पड़ा। क्षेत्र के एक व्यक्ति के कीर्तीनगर व खंचाजियान धर्मशाला दोनों बूथों पर वोट थे। एक बूथ पर जाकर वे वोट डाल आए। वोटिंग प्रतिशत घटने का मुख्य कारण नई वार्डबंदी ही रहा। नई वार्डबंदी का ही असर था, कि सभी मतदाताओं के घर इस बार मतपर्चियां नहीं पहुंच पाई।
गोपाल-गोकुल समर्थक आमने-सामने
मतदान के दौरान दोपहर को शहर के आर्य समाज रोड पर हंगामा हो गया। यहां पर आर्य कन्या स्कूल में मतदान केंद्र बनाया गया था। गोपाल कांडा व गोकुल सेतिया के समर्थक आमने-सामने हो गए। इस दौरान नारेबाजी भी हुई। सूचना मिलने पर शहर थाना प्रभारी सत्यवान मौके पर पहुंचे। इसी तरह से किसी बात को लेकर सिरसा के विधायक गोकुल सेतिया की उपपुलिस अधीक्षक से किसी बात को लेकर नोंक-झोंक हो गई। दरअसल, गोकुल सेतिया बूथ निरीक्षण पर आए डीएसपी से कह रहे थे कि वे और उनकी टीम सरकारी दवाब ना मानें, इसपर डीएसपी गोकुल की तरफ उंगली कर कुछ कहने लगे। गोकुल को डीएसपी का उंगली करना नागवार गुजरा। विधायक ने आपत्ति जताई। इसके बाद मामला शांत हो गया। डीएसपी बोले, आपके लोग ज्यादा वोट करेंगे तो आप जीतोगे, उनके ज्यादा करेंगे तो वो जीतेंगे। हम अपना काम बिना भेदभाव सही तरीके से कर रहे हैं।
बाजारों में अधिकतर दुकानें रही बंद
लोकतंत्र के इस पर्व में शहर के लोगों ने भागीदारी की। इसके चलते बाजारों में अधिकतर दुकानें बंद रहीं। हालांकि अन्य दिनों में रविवार को भी बाजार खुलते हैं, मगर चुनाव के चलते अधिकतर व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोलीं। दुकानें बेशक बंद थी, पर बाजारों में चहल-पहल रही। जगह जगह लोग चुनावी चर्चाओं में मशगुल दिखे। कोई वोटिंग प्रतिशत को लेकर बात कर रहा था, तो कोई उम्मीदवार की पोजिशन पर अपनी राय प्रकट कर रहा था। मतदान केन्द्रों के नजदीक बनाए मुख्य प्रत्याशियों के बूथ पर गहमा गहमी रही।
कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच हुई वोटिंग
नगर परिषद सिरसा के आम चुनाव के लिए नगर परिषद सिरसा के प्रधान और 32 वार्ड सदस्य पद के लिए मतदान प्रक्रिया रविवार सुबह आठ बजे से शुरू हुई और शांतिपूर्वक मतदान के लिए प्रशासन ने पुख्ता प्रबंध किए। मतदान प्रक्रिया के लिए 825 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई तो 1056 पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए। मतदान प्रक्रिया स पन्न करवाने के लिए 143 पोलिंग पार्टियां तैनात की गई जबकि 22 पोलिंग पार्टियां रिजर्व रखी गई थीं। इसी तरह से चुनावी प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने के लिए आठ ड्यूटी मजिस्ट्रैट नियुक्त किए गए तो तीन ड्यूटी मजिस्ट्रेट रिजर्व रखे गए। वहीं 16 सैक्टर ऑफिसर तैनात किए गए थे। पुलिस पार्टियां व डयूटी मैजिस्ट्रेट मतदान केन्द्रों का राऊंड लगाकर शांतिपूर्ण व सुचारू मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित कर रहे थे। कीर्तीनगर सरकारी स्कूल स्थित मतदान केन्द्र के बाहर जमावड़ा करके खड़े लोगों को पुलिस ने वहां से हटाया।
मतदाताओं का खूब हुआ सत्कार
विभिन्न मतदान केन्द्रों पर वोट डालने गए मतदाताओं का प्रत्याशियों व उनकी टीम ने खूब सत्कार किया। बूथ पर तमाम प्रत्याशी, उनके परिजन व समर्थक डटे हुए थे। मतदान केन्द्र के भीतर दाखिल होते ही प्रत्याशी द्वारा मतदाता से हाथ जोडक़र समर्थन का निवेदन किया जा रहा था। लोकतंत्र के इस पर्व के निराले रंग देखिए, कल तक पास से गुजरने के बावजूद राम-राम ना करने वाले गलबहियां करते नजर आ रहे थे। मतदाता को बचपन का साथी, पारिवारिक सदस्य आदि संबोधन के जरिए रिश्तों के बंधन में बांधकर पक्ष में मतदान का आग्रह प्रत्याशियों द्वारा किया जा रहा था। मतदाता भी सभी को सहयोग व समर्थन का आश्वासन दे रहे थे। साइलेंट वोटर के मन की थाह कोई प्रत्याशी नहीं ले पाया।
चौक-चौराहों पर भी तैनात रही पुलिस
मतदान प्रक्रिया को बिना किसी बाधा के संपन्न करवाने के लिए पुलिस प्रशासन ने पूरी व्यूह रचना कर रखी थी। जहां मतदान केन्द्रों पर पुलिस का कड़ा पहरा बिठाया हुआ था, वहीं विभिन्न चौक-चौराहों पर भी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पुलिस द्वारा आवागमन करने वाले लोगों पर पैनी नजर रखी जा रही थी। वहीं, शहर में यातायात व्यवस्था की चाल दुरूस्त बनाए रखने के लिए ट्रेफिक पुलिस भी मुस्तैद रही। इस वजह से लोगों को जाम की समस्या से नहीं गुजरना पड़ा।