सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा अब दिल्ली में जाट कार्ड खेलते हुए प्रवेश साहिब वर्मा को मुख्यमंत्री बना सकती है।
गौरतलब है कि दिल्ली के अलावा इसके साथ लगते हरियाणा, उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान में जाट मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। हरियाणा में करीब 28 प्रतिशत जाट मतदाता हैं तो उत्तरप्रदेश व राजस्थान में भी जाट मतदाता प्रभावी भूमिका में हैं। वर्तमान में अकेले भाजपा एक दर्जन से अधिक राज्यों में सत्ता में है तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन भी करीब 20 से अधिक राज्यों में सत्ता में है, लेकिन किसी भी प्रदेश में जाट मुख्यमंत्री नहीं हैं। दिल्ली विधानासभा चुनाव में एक लंबे अरसे के बाद एक बार फिर से कमल खिला है और एक दशक तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल सहित कई बड़े चेहरों को हार का सामना करना पड़ा है। अरविंद केजरीवाल को भाजपा के युवा नेता प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट से चुनाव हराया है। प्रवेश शर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा भाजपा पार्टी में कभी एक बड़ा चेहरा रहे और वे दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। नई दिल्ली से नवनिर्वाचित विधायक प्रवेश वर्मा जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी जातीय समीकरणों के संतुलन को साधते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बना सकती है। वैसे भी फरवरी 2016 मे हरियाणा में हुए जाट आरक्षण आंदोलन एवं 2020 से लेकर 2021 तक दिल्ली के बॉर्डर क्षेत्र में चले किसान आंदोलन के चलते जाट मतदाता भाजपा से नाराज चल रहे हैं। जाटों की नाराजगी दूर करने के लिए हालांकि भाजपा ने काफी प्रयास किए, मगर पार्टी को इस वर्ग का साथ पूरी तरह से मिल नहीं पाया। ऐसे में जाट मतदाताओं को अपने साथ जोडऩे के मकसद से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दिल्ली में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर प्रवेश वर्मा जैसे युवा जाट नेता की ताजपोशी कर सकता है।
भाजपा में बड़ा जाट चेहरा रहे हैं साहिब सिंह वर्मा
प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा भारतीय जनता पार्टी में एक बड़ा जाट चेहरा रहे हैं। 1993 में स्पष्ट बहुमत के साथ दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी और मदन लाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। 1996 में राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने खुराना के स्थान पर साहिब सिंह वर्मा को मुख्यमंत्री बनाया था। इससे पहले वर्मा मदनलाल खुराना के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पाठशाला से निकले वर्मा सबसे पहले 1977 में दिल्ली के नगर निगम चुनाव में पार्षद चुने गए थे। वे 1993 से 1996 तक शिक्षा एवं श्रम मंत्री रहे और 1996 से लेकर 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे। 1999 में वे लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और अटल बिहारी वाजपेपी की सरकार मेेंं केंद्रीय मंत्री बने।
सूरज निकल गया, कमल खिल गया: प्रवेश वर्मा
नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराकर विधायक चुने जाने के बाद प्रवेश वर्मा ने टवीट किया कि ‘नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में विजय के उपरांत पूज्यनीय पिताजी स्वर्गीय डा. साहिब सिंह को याद कर उन्हें नमन किया और पूजनीय माताजी से नई दिल्ली के देवतुल्य परिवारजनों द्वारा दी गई जिम्मेदारी पर खरा उतरने की शक्ति का अमूल्य आशीर्वाद प्राप्त किया। परिवार के सभी सदस्यों के साथ यह पल मेरे जीवन का सबसे प्रेरणादायक क्षण है।’ इससे पहले एक अन्य टवीट में प्रवेश वर्मा ने लिखा कि ‘अंधेरा छट गया, सूरज निकल गया, कमल खिल गया। दिल्ली ने विकास चुना है। ये जीत दिल्ली के विश्वास की है, ये जीत दिल्ली के भविष्य की है, मैं हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के नेतृत्व और भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता की मेहनत और दिल्ली की जनता के विश्वास का आभारी हूं। दिल्ली के इस नए सवेरे के लिए समस्त दिल्ली वासियों को बधाई!’
प्रवेश वर्मा का हरियाणा से भी है खास कनैक्शन
खास बात यह है कि नई दिल्ली से पहली बार विधायक चुने गए प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का हरियाणा से भी खास नाता है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा की बेटी एवं प्रवेश वर्मा की बहन हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू के भाई देवसुमन के साथ विवाहित हैं। ऐसे में दिल्ली में भाजपा को मिले स्पष्ट बहुमत के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यू ने टवीट करते हुए लिखा कि ‘दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर भाजपा दिल्ली के सभी विजयी उम्मीदवारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह विजय माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनकी जनहितैषी नीतियों में जनता के अपार विश्वास का प्रमाण है। दिल्ली की जनता ने विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद के पक्ष में मतदान कर एक नई दिशा तय की है। इस अभूतपूर्व समर्थन और विश्वास के लिए हम दिल्ली के जागरूक मतदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। भाजपा सरकार राजधानी के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ कार्य करेगी। जय हिंद! जय भाजपा! दिल्ली के दिल में मोदी।’
नॉन स्टाप हरियाणा के नारे पर चलते हुए विकास को गति दे रहे हैं सी.एम. सैनी