ट्रेंडिंगदेश विदेशराजनीतिहरियाणा

Haryana Politics: इन राजनेताओं पर जारी हो चुके हैं डाक टिकट

Haryana Politics: इन राजनेताओं पर जारी हो चुके हैं डाक टिकट

Haryana Politics: इन राजनेताओं पर जारी हो चुके हैं डाक टिक

Haryana Politics: हरियाणा के अनेक राजनेताओं ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति में समय-समय पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। ऐसे नेताओं की स्मृति जनमानस में बनाए रखने के लिए सरकारों ने भी अनेक कदम उठाए हैं। इनमें से एक पहलकदमी है अमिट छाप छोडऩे वाले एवं दूसरों के लिए प्रेरणा के पुंज राजनेताओं के नाम पर डाक टिकट जारी करना। किसानों के मसीहा व रहबर-ए-आजम सर छोटू राम, देश के उपप्रधानमंत्री रहे चौ. देवीलाल, सांसद एवं मंत्री रहे चौ. रणबीर ङ्क्षसह हुड्डा तथा पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के 4 ऐसे नेता हैं जिनके नाम पर भारत सरकार ने डाक टिकट जारी किए। भारत सरकार ने सर छोटू राम के नाम पर 9 जनवरी 1995 को डाक टिकट जारी किया। चौ. देवीलाल के नाम पर भारत सरकार ने 25 सितम्बर 2001 को डाक टिकट जारी किया, जबकि 1 फरवरी 2011 को रणबीर हुड्डा के नाम पर डाक टिकट जारी किया था। ऐसे ही 20 फरवरी 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री स्व. राव बीरेंद्र सिंह के नाम पर भी डाक टिकट जारी किया गया। ये चारों ही ऐसे नेता थे, जिनके सिद्धांत, राष्ट्र निर्माण में योगदान व खासकर किसानों के हितों में योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

*किसानों के मसीहा थे सर छोटू राम*

किसानों के मसीहा, रहबर-ए-आजम सर छोटू राम का स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान रहा। उन्होंने किसानों के लिए अनेक अधिनियम पास करवाए। भाखड़ा डैम का प्रस्ताव उन्होंने रखा। उनकी बदौलत ही साहुकार पंजीकरण एक्ट, गिरवी जमीनों का मुफ्त वापसी एक्ट, कृषि उत्पाद अधिनियम एवं कर्जा माफी अधिनियम पास हुए। सर छोटू राम आजादी से पहले संयुक्त पंजाब के वक्त मंत्री भी रहे। सर छोटू राम का जन्म गढ़ी सांपला में 24 नवम्बर 1881 को हुआ। उन्होंने झज्जर से मिडल की पढ़ाई की। 1903 में इंटरमीडियट करने के बाद 1905 में दिल्ली के सैंट स्टीफन कालेज से ग्रेजुएट एवं 1910 में आगरा कालेज से लॉ की डिग्री की। 1916 में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। आजादी के आंदोलनों में सक्रिय रहे। 1923 में गठित नैशनल यूनियनिस्ट पार्टी के सह-संस्थापक रहे। साल 1937 में विधायक बने और पंजाब सरकार में विकास एवं राजस्व मंत्री रहे। 9 जनवरी 1995 को भारत सरकार ने उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया। सर छोटू राम के नाती चौ. बीरेंद्र सिंह केंद्र एवं हरियाणा में मंत्री रह चुके हैं।

*राजनीति में पांच दशक तक सक्रिय रहे चौ. देवीलाल*
चौ. देवीलाल हरियाणा की राजनीति के एक बड़े स्तम्भ रहे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलनों में शिरकत की। किसानों के लिए अनेक एक्ट पास करवाए तो हरियाणा निर्माण में योगदान दिया। वे 8 बार विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से विधायक बने और 3 बार लोकसभा सांसद व एक बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे। चौ. देवीलाल का जन्म 25 सितम्बर 1914 को सिरसा जिला के गांव तेजाखेड़ा में हुआ। चौ. देवीलाल की साल 1989 से 1991 तक वी.पी.ङ्क्षसह एवं चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनाने में अहम भूमिका रही और वे दोनों की सरकारों में उप-प्रधानमंत्री भी रहे। इससे पूर्व 1977 से 1979 तक एवं बाद में 1987 से 1989 तक वे हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। देवीलाल ने आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। साल 1942 में वे दो साल तक जेल में रहे। आजादी के बाद उन्होंने हरियाणा के निर्माण में भी सक्रिय योगदान दिया। भारत सरकार ने 25 सितम्बर 2001 को उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया। चौ. देवीलाल के बेटे चौ. ओमप्रकाश चौटाला पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे।

*अलग-अलग सदनों के सदस्य बने रणबीर हुड्डा*
रणबीर ङ्क्षसह हुड्डा रोहतक से दो बार सांसद रहने के अलावा संयुक्त पंजाब के समय मंत्री भी रहे। 1 फरवरी 2011 को यू.पी.ए. की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने रणबीर हुड्डा के नाम पर डाक टिकट जारी किया था। रणबीर ङ्क्षसह का जन्म 26 नवम्बर 1914 को रोहतक जिला के गांव सांघी में हुआ। उन्होंने रोहतक के वैश्य हाई स्कूल से मैट्रिक करने के बाद 1935 में रोहतक के राजकीय कालेज से एफ.ए. की डिग्री ली। 1937 में उन्होंने दिल्ली के रामजस कालेज से ग्रेजुएट किया। इसके बाद वे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए। 1941 में महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन में शिरकत की। उन्होंने रोहतक, अम्बाला, हिसार, कुरुक्षेत्र में जेल भी काटी। 1947 में उन्हें संविधान निर्मात्री समिति का सदस्य बनाया गया। 1952 में वे रोहतक से कांग्रेस के सांसद बने। 1957 में दूसरी बार फिर सांसद निर्वाचित हुए। 1962 में वे संयुक्त पंजाब के समय विधायक बने और ङ्क्षसचाई एवं बिजली मंत्री रहे। 1968 में रणबीर ङ्क्षसह ने किलोई से उपचुनाव भी जीता। चौ. रणबीर सिंह हुड्डा के बेटे भूपेंद्र सिंह हुड्डा दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं।

*2023 में राव बीरेंद्र सिंह के जन्मदिन पर जारी हुआ था डाक टिकट*
राव बीरेंद्र सिंह भगवत दयाल शर्मा के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। उनके नाम पर 20 फरवरी 2023 को डाक टिकट जारी किया गया था। राव बीरेंद्र ङ्क्षसह का जन्म 20 फरवरी 1921 को रेवाड़ी के नांगल में हुआ। दिल्ली के सेंट स्टीफन कालेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। 17 मार्च 1967 को वे हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष बने। 24 मार्च 1967 को तीसरे मुख्यमंत्री बने और वे करीब 8 माह तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। राव बीरेंद्र सिंह महेंद्रगढ़ लोकसभा से साल 1971, 1980, 1984, 1989 में सांसद निर्वाचित हुए। वे दो बार संयुक्त पंजाब के समय विधानपरिषद के सदस्य बने तो साल 1967, 1968 और 1977 में अटेली विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। राव बीरेंद्र सिंह के बेटे राव इंद्रजीत सिंह उनकी सियासत को आगे बढ़ा रहे हैं और वे चार बार केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button