Agriculture news-राजस्थान की सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र में हुई इस मौसम की लगातार दूसरी बार बारिश से रबी की फसल को काफी फायदा हुआ है। रविवार को थोड़ी देर के लिए धूप निकली ऐसे किसान पशुओं के लिए हरा चारा इत्यादि लाने के लिए खेतों की तरफ रुख किया। चोपटा खंड बार बार हो रही बारिश करीब 64000 हेक्टेयर में खड़ी गेहूं, चने, सरसों व जौ आदि रबी की फसल के लिए संजीवनी का काम कर रही है। इसके साथ ही निकटवर्ती राजस्थान में बारिश हुई हैं। किसानों का कहना है कि इस समय बारिश अच्छी होती है। किसानों का कहना है की पुरानी कहावत सही साबित हो रही है। पौष की फुवार और माघ की मावठ रबी की फसल के लिए फायदेमंद होती है। यह कभी कभार ही होती है। ओला वृष्टि घातक हो सकती है। किसान महेंद्र सिंह, जगदीश, विकास, सुरेश कुमार का कहना है कि पोष के महीने में तो फुंहार ही अच्छी होती है लेकिन अब दो बार बारिश से गेहूं , सरसों , चने इत्यादि फसलों को काफी फायदा होगा। इनका कहना है कि सरकार ने तो नहरी पानी कटौती करके खेती को भगवान भरोसे छोड़ दिया था लेकिन भगवान ने उनकी सुन ली है । बारिश और सर्दी के मौसम में पशुओं की देखभाल करना काफी मुश्किल हो जाता है, जब भी थोड़ी धूप निकलती है तो पशुओ के लिए हरे चारे का प्रबंध करना पड़ता है।

चोपटा खंड में इस बार किसानों ने 38000 हेक्टेयर में गेहूं, 23000 हेक्टेयर में सरसों, 2050 हेक्टेयर में चना व 1200 हेक्टेयर में जौ, चारा व अन्य फसलों की बिजाई की है।इस फसल पर मंडरा रहा पाले का खतरा टल गया है। राजस्थान कि सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र के कागदाना, कुुम्हारिया, खेड़ी, जसानियां, चाहरवाला, जोगीवाला, रामपूरा नवाबाद, गिगोरानी, शाहपूरिया, रूपावास सहित सभी गावों में रात को रुक रुक कर हो रही बारिश से मौसम में ठंडक तो बढ़ गई लेकिन रबी की फसल के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। किसान राम कुमार व सुल्तान सिंह का कहना है कि इस समय सरकार ने नहरी पानी में कटौती कर दी है तो खेती बारिश पर ही आधारित रह गई और इस समय बारिश की जरूरत भी ज्यादा है । इस समय बारिश फसलों के लिए फायदेमंद हाती है। इन महीनों में फसल के लिए सूखा पाला घातक होता है। बारिश होने के बाद पाले से कोई नुकसान नहीं होता। परंतु ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो सकता है। किसान महेंद्र सिंह व जगदीश का कहना है कि भगवान ने सुध ले ली है। किसान कृष्ण कुमार बैनीवाल व सुभाष चन्द्र का कहना है अब फसलों को सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ेगी। जिससे डीजल का खर्च बच जाएगा। इनका कहना है कि बारिश तो फसल के लाभदायक है ओला वृष्टि घातक हो सकती है।
वर्जन
चोपटा खंड में इस बार किसानों ने 38000 हेक्टेयर में गेहूं, 23000 हेक्टेयर में सरसों, 2050 हेक्टेयर में चना व 1200 हेक्टेयर में जौ, चारा व अन्य फसलों की बिजाई की है। इस मौसम की बार बार बारिश से रबी की फसल को काफी फायदा होगा।
—डॉ शैलेंदर सहारण कृषि विकास अधिकारी
नॉन स्टाप हरियाणा के नारे पर चलते हुए विकास को गति दे रहे हैं सी.एम. सैनी