Haryana politics: पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने अपने सियासी जीवन में अनेक विदेश यात्राएं भी कीं। वे 120 से अधिक देशों में गए। उन्हें भ्रमण एवं अध्ययन का बड़ा शोक रहा। वे अपनी विदेश यात्राओं को एक संस्मरण के तौर पर भी एकत्रित करते रहे। उनकी विदेश यात्राओं से जुड़े हुए कई रोचक किस्से हैं। एक बार वे ओसलों की गाड़ी में सवार होकर हौलैंड के हैगलो शहर के लिए रवाना हुए। वे अपनी विदेश यात्रा के बारे में लिखते हैं कि वे सुबह सवेरे हैगलो शहर पहुंच गए, लेकिन रास्ते में किसी उनका बैग उठा लिया। इससे चौटाला को जाहिर हुआ कि युरोप में भी चोर हैं। चौटाला प्रथम श्रेणी के डिब्बे में अकेले सोए हुए थे। सुबह उठे तो सामान गायब था। चोर पहनने के कपड़े, शेविंग किट, डायरी, हवाई जहाज की टिकट, लोक करेंसी एवं उनका चश्मा ले गए। संयोग से चौटाला के पास रेल की टिकट व कुछ पैसे जब में थे। चौटाला ने रेलवे पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई और वे अपने मित्र के पास चले गगए। संयोग से उनके हिंदुस्तान मित्र के पास धोती व उनके साइज के कुर्ते मिल गए। दरअसल चौटाला ने अपने जीवन में शिकागो, हौलेंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अलबर्टा, वाशिंगटन, फ्रांस आदि का भ्रमण किया।
*यह रहती थी चौटाला ओमप्रकाश चौटाला की दिनचर्या*
लंबे समय तक उनकी सक्रियता और सेहत का राज साधारण व दिनचर्या रही। वे पूरे दिन में करीब दो से तीन ही चपाती खाते हैं। उनके समर्थक बताते हैं इंडियन नेशनल लोकदल के सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला सुबह साढ़े छह बजे उठ जाते थे। इसके बाद वे गर्म पानी पीते थे। एक गिलास नारियल पानी पीने के बाद वे नाश्ते में अक्सर भीगे हुए बादाम के अलावा अखरोट, पिस्ता और फल खाते थे। फलों में भी पपीता, कीवी और ड्रैगन फु्रट नियमित रूप से लेते थे। नाश्ता करने के बाद ओम प्रकाश चौटाला हर रोज अखबार पढ़ते थे। वह नियमित रूप से पंजाब केसरी पढ़ते थे और पंजाब केसरी में प्रकाशित होने वाला हंसगुल्ले कॉलम उन्हें बेहद पसंद है। इसी दौरान कार्यकर्ताओं से मिलते हैं और अपनी पारिवारिक सदस्यों के साथ भी बातचीत करते। दोपहर के समय एक मिस्सी रोटी खाने के बाद वे करीब 45 मिनट तक आराम फरमाते थे। उठने के बाद फिर से राजनीतिक रूप से सक्रिय हो जाते।